स्लीप एपनिया एक प्रकार का निद्रा विकार (Sleep Disorder) है, जिसमें व्यक्ति को सोते समय सांस संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। स्लीप एपनिया के दौरान व्यक्ति सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है और इस कारण से नींद के दौरान उसके खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है। स्लीप एपनिया से ग्रसित व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल समय-समय पर कम होता रहता है और व्यक्ति को इसका कई बार पता नहीं लग पाता है। हालांकि, कई बार ऑक्सीजन का स्तर अत्यधिक कम हो जाता है, जो स्वास्थ्य के नुकसानदायक हो सकता है। स्लीप एपनिया में आमतौर रात के समय बार-बार नींद से जागना, दिन के समय नींद आना और दिनभर थकान महसूस होना आदि लक्षण महसूस होते हैं। स्लीप एपनिया का समय पर इलाज करना बहुत जरूरी होता है और समय रहते देखभाल न करने पर इससे हृदय संबंधी रोग, स्ट्रोक, हाई बीपी और डायबिटीज जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं रात के समय व्यक्ति पूरी नींद न ले पाने के कारण दिन में उसके काम (या स्कूल) के प्रदर्शन में कमी आने लगती है। स्लीप एपनिया का इलाज जीवनशैली में सुधार व अन्य सामान्य उपचार तकनीकों से किया जाता है। हालाकि, कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
एक्सरसाइज और एक अच्छा खानपान: यह जरूरी है कि व्यक्ति सब्जियों, फलों और साबुत अनाज वाली डाईट का पालन करें और बहुत सारी एक्सरसाइज करें। इन स्वस्थ आदतों को अपनाने से लोगों को स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। अगर वजन ज्यादा रहेगा तो मोटापा स्लीप एपनिया की समस्या में बढ़ोत्तरी कर सकता है।
शराब और धूम्रपान का सेवन न करें: धूम्रपान और शराब ऊपरी वायुमार्ग में सूजन पैदा कर सकते हैं जिससे सांस से सम्बंधित कार्य प्रभावित हो सकता है।
पीठ के बल न सोएं: पीठ के बल सोना वायुमार्ग में जीभ और पैलेट को नरम करने की संभावना को बढ़ा सकता है, जिससे वायुमार्ग में बाधा आ सकती है, खर्राटों की समस्या हो सकती है और स्लीप एपनिया पैदा हो सकता है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) नींद से संबंधित ब्रीदिंग डिसऑर्डर (श्वास विकार) है, इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति में सोने के दौरान बार-बार सांस बंद होती है। यह तब होता है जब गले की मांसपेशियां आराम करने और सोने के दौरान वायुमार्ग को ब्लॉक कर देती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति खर्राटों की माध्यम से इसकी पहचान कर सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से साफ़ तौर पर कई जानलेवा बीमारियां हो सकती है। इससे कई क्रोनिक बीमारियां जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या खतरनाक हो सकती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से ह्रदय का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति का अगर इलाज न किया जाए तो इससे मृत्यु होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों की गर्दन, जीभ और ऊपरी पेट में फैट जमा होता हैं, उनमे यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। जमे हुए फैट का यह वजन गले के व्यास को कम कर देता है और फेफड़ों के खिलाफ धक्का देता है, इसलिए सोने के दौरान वायुमार्ग में बाधा आती है।
कुछ केसेस में स्लीप एपनिया को लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है।
एक्सरसाइज और एक अच्छा खानपान: यह जरूरी है कि व्यक्ति सब्जियों, फलों और साबुत अनाज वाली डाईट का पालन करें और बहुत सारी एक्सरसाइज करें। इन स्वस्थ आदतों को अपनाने से लोगों को स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। अगर वजन ज्यादा रहेगा तो मोटापा स्लीप एपनिया की समस्या में बढ़ोत्तरी कर सकता है।
शराब और धूम्रपान का सेवन न करें: धूम्रपान और शराब ऊपरी वायुमार्ग में सूजन पैदा कर सकते हैं जिससे सांस से सम्बंधित कार्य प्रभावित हो सकता है।
पीठ के बल न सोएं: पीठ के बल सोना वायुमार्ग में जीभ और पैलेट को नरम करने की संभावना को बढ़ा सकता है, जिससे वायुमार्ग में बाधा आ सकती है, खर्राटों की समस्या हो सकती है और स्लीप एपनिया पैदा हो सकता है
निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (कांटिनिवस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर): इस समस्या का इलाज सीपीएपी मशीन द्वारा किया जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग घर पर किया जा सकता है। सोते समय यह नाक और मुंह (या सिर्फ नाक) पर पहने जाने वाला मास्क है, जिस के माध्यम से दबाव डाला जाता है जो आपके वायुमार्ग को खुला रखता है। अगर श्वास मशीनें काम नहीं करती हैं, तो एक डॉक्टर ओरल डिवाइस का भी सुझाव दे सकता है।
अगर इसमें लापरवाही बरती गयी तो क्या परिणाम हो सकता है?
स्लीप एपनिया के शुरूआती लक्षणों में सांस लेने में रुकावट और गैसिंग और खर्राटों की समस्या है, जो सोते समय एक साथ हो सकती है, इस समस्या से पीड़ित लोगों को ये लक्षण महसूस भी नहीं हो सकता है। आम लोगो में फैली यह एक बहुत ही बड़ी समस्या है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकता है और कई नुकसानदायक शारीरिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक, और व्यवहारिक प्रभावों का कारण बन सकता है।
दरअसल, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे नींद में बाधा पहुंचती है, लेकिन कई और समस्याएं भी हो सकती है:
- दिन में नींद आना या थकान महसूस करना
- ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होना
- याददाश्त ख़राब होना
- चिड़चिड़ाहट होना
- डिप्रेशन
इस तरह की समस्याओं के होने पर लोग इसे नज़रअंदाज कर देते हैं, उन्हें लगता है कि नींद न पूरी हो पाने के कारण यह सब होता है लेकिन वे यह भूल जाते हैं ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण भी ऐसा हो सकता है
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से बचने के लिए स्वस्थ लाइफस्टाइल का पालन करें
1. वजन कम करें
मोटापे की वजह से स्लीप एपनिया की समस्या ज्यादा होती है। अगर व्यक्ति का वजन स्वस्थ रहेगा तो उसमे स्लीप एपनिया होने की संभावना बहुत ही कम रहेगी।
2. शराब और लत वाली दवाओं का सेवन बंद कर दें
शराब और लत वाली दवाएं नर्वस सिस्टम के ख़राब होने का कारण बनती है। इससे मस्तिष्क का काम प्रभावित होता है। इन चीजों के लगातार सेवन से स्लीप एपनिया के एपिसोड की फ्रीक्वेंसी और रात में होने वाले एपिसोड की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।
3. धूम्रपान न करें
निकोटिन से स्लीप एपनिया की समस्या बदतर हो सकती है।
4. एक्सरसाइज
बिना वजन कम किये स्लीप एपनिया की समस्या से पार पाया जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नियमित रूप से एक्सरसाइज की जाए। किसी भी एक्सरसाइज प्रोग्राम को शुरू करने से व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
5. अपनी बगल से सोएं
जब कोई व्यक्ति अपनी पीठ या पेट के बल सोता है तो उसमे स्लीप एपनिया की समस्या खतरनाक होती जाती है। इसलिए साइड स्लीपिंग जरूरी हो जाती है इससे वायुमार्ग खुला रहता है।